दुर्गा चालीसा – आइये जानते है पढ़ने का सही तरीका, सही मतलब, फायदे, सही वक्त और भी बहुत कुछ
आपने दुर्गा चालीसा पढ़ने के लिए हमारा ब्लॉग चुना इसके लिए आपका तेहै दिल से आभार मानते है दोस्तों। भक्ति की इस पवन धरती में हम माता रानी का पुरे मन से जब भजन करते है तब माँ हमारी साडी इच्छा पूरी करती हैं।
देखा जाये तो सिर्फ चालीसा पढ़ना ही सब कुछ नहीं है अच्छे फल की प्राप्ति के लिए। आर आप माँ को प्रशन्न करना छह रहे है तो आपको मन को भी स्वच्छ रखना होगा और मन को पवित्र रखने के साथ साथ अच्छे कर्म भी करने है तब जा कर आप पुरे होते है और माँ आपको मन चाहा वरदान देतीं है।
हमारे वेबसाइट में दुर्गा माँ की आरती, चालीसा, भजन, फोटो, लिरिक्स सब कुछ मिलेगा। इसीलिए हमसे जुड़ना भूलियेगा नहीं। और हम आपसे दिल से रिक्वेस्ट भी करते है की इस ब्लॉग पोस्ट को आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करियेगा।
Durga Chalisa
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
क्या आप चालीसा का मतलब जानते हैं ?
वैसे मित्रों क्या आप जानते है की चालीसा का मतलब क्या होता है ? आइये जानते है की Maa Durga Chalisa का सही मतलब क्या है –
आपको बता दें के चालीसा एक भक्ति या भजन या आप प्रार्थना कह सकते है। इसमें किसी विशेष हिंदू देवता की स्तुति में करीबन 40 छंद होते हैं। “चालीसा” यह शब्द हिंदी शब्द “चालीस” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “40”। यह सबसे महत्व पूर्ण छंद है, चालीसा को अक्सर भक्तों द्वारा देवता का आशीर्वाद पाने और अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रार्थना या ध्यान के रूप में सुनाया या गाया जाता है। आपको हर दिन चालीसा का पाठ करना चाहिए।
चालीसा पढ़ने के फायदे
आपको सच में बहुत ही शांति का अनुभव होता है जब आप दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं , आइये दुर्गा माता चालीसा के फायदे के बारे में अच्छे से जानते और समझते है।
- चालीसा पढ़ने से मन शांत रहता है।
- आपके चालीसा पढ़ने से बुरी शक्ति आपके करीब भी नहीं आ सकती।
- चालीसा पढ़ने से मन नियंत्रण में रहता है।
- जिनका राहु कमजोर होता है उनके लिए भी चालीसा अच्छा साबित होता है।
- चालीसा पढ़ने से सम्मान बढ़ता है।
- सभी दुखों का नाश होता है, और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
- सभी प्रकार के आध्यात्मिक, भौतिक, और भावनात्मक शांति का अनुभव होता है.
- आपके धन, ज्ञान, और समृद्धि में तेज़ी से बढ़ोतरी होती है।
- परिवार में सुख शांति बना रहता है।
- वासना और जुनून जैसी नकारात्मक भावनाएं दूर होती हैं।
- आपको सकारात्मक सोच की ओर बढ़ने में काफी मदद मिलती है।
आप दुर्गा चालीसा सुनना पसंद करते है ? अगर हाँ तो अनुराधा पौडवाल जी ने बड़े ही सुन्दर तरीके से दुर्गा चालीसा गाया है, यहां नीचे सुने –
हमें दुर्गा चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
मैंने काफी लोगो को एक प्रश्न करते सुना है की हमें दुर्गा चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
आइये हम आपको बता ते हैं के आपको कब कब पथ करना चाहि। देखिये Durga Chalisa का पाठ करने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि का माना जाता है. वैसे माँ के चालीसा का पाठ किसी दूसरे शुभ अवसर पर भी किया जा सकता है। आपको स्वच्छ मन से माँ का पाठ करना है।
शास्त्रों में कहा गया है कि मां दुर्गा की स्तुति के लिए maa durga chalisa का पाठ करना शुभ होता है। उम्मीद करते है यह प्रश्न का आपको उत्तर मिला होगा। देखिये आपको मन और तन स्वच्छ रखना है और सभी नियम को अच्छे से पालन करना है।
दुर्गा चालीसा का पाठ करने का सही तरीका
चालीसा का सही से पाठ करना बहुत जरुरी है, आपको सही नियम अपनाना है। सही तरीके से पाठ करने पर मन शांत रहता है और मन चाहे फल की प्राप्ति होती है। किस तरह से और कैसे पाठ करना है वह निचे लिखा हुआ है –
Durga Chalisa का पाठ करने का तरीका इस प्रकार है:
- सबसे पहले आपको सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और अच्छे साफ़ सुथरे कपड़ें जरूर से पहने।
- अब मूर्ति स्थापित करने की बारी है तो लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र रखें।
- फूल है जरुरी तो माता दुर्गा को फूल, रोली, दीप, धूप, दूध, और प्रसाद चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान दुर्गा यंत्र का इस्तेमाल जुरूर करें।
- पाठ करना शुरू करें।
आइये आपको कुछ अच्छी चीज़े बताते है – आपको पता है नवरात्रि की अष्टमी और नवमी को सुबह और शाम durga chalisa का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं सभी इच्छाएं जल्द पूरी होती हैं। माना जाता है कि अगर 40 दिनों तक लगातार सुबह और शाम 11 बार दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाए, तो वह सिद्ध हो जाती है। उम्मीद करते है आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। ऐसे ही आर्टिकल के लिए हमरे साथ जरूर जुड़ें।