Shakumbhari Mata Ki Aarti Lyrics (शाकंभरी माता की आरती)
प्राचीन भारतीय संस्कृति में आरती का महत्व अत्यधिक माना जाता है। यह धार्मिक अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भक्ति और आध्यात्मिकता की भावना को अभिव्यक्त करता है। इसी धारणा के साथ, शाकंभरी माता की आरती एक प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है जो माता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का माध्यम है। इस लेख में, हम शाकंभरी माता की आरती के शब्दों को विशेषज्ञता से अध्ययन करेंगे और उसका महत्व समझेंगे।
शाकंभरी माता की आरती
जय जय शाकम्भरी माता ब्रह्मा विष्णु शिव दाता ।
हम सब उतारे तेरी आरती री मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
संकट मोचनी जय शाकम्भरी तेरा नाम सुना है,
री मैया राजा ऋषियों पर जाता मेधा ऋषि भजे सुमाता ।
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
मांग सिंदूर विराजत मैया टीका सूब सजे है,
सुंदर रूप भवन में लागे घंटा खूब बजे है ।
री मैया जहां भूमंडल जाता जय जय शाकम्भरी माता ।
हम सब उतारे तेरी आरती।।
क्रोधित होकर चली मात जब शुंभ- निशुंभ को मारा,
महिषासुर की बांह पकड़ कर धरती पर दे मारा ।
री मैया मारकंडे विजय बताता पुष्पा ब्रह्मा बरसाता,
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
चौसठ योगिनी मंगल गाने भैरव नाच दिखावे,
भीमा भ्रामरी और शताक्षी तांडव नाच सिखावें
री मैया रत्नों का हार मंगाता दुर्गे तेरी भेंट चढ़ाता,
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
कोई भक्त कहीं ब्रह्माणी कोई कहे रुद्राणी,
तीन लोक से सुना री मैया कहते कमला रानी ।
री मैया दुर्गे में आज मानता तेरा ही पुत्र कहाता,
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
सुंदर चोले भक्त पहनावे गले मे सोरण माला,
शाकंभरी कोई दुर्गे कहता कोई कहता ज्वाला ।
री मैया मां से बच्चे का नाता ना ही कपूत निभाता,
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
पांच कोस की खोल तुम्हारी शिवालिक की घाटी,
बसी सहारनपुर मे मैय्या धन्य कर दी माटी ।
री मैय्या जंगल मे मंगल करती सबके भंडारे भरती,
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
शाकंभरी मैया की आरती जो भी प्रेम से गावें,
सुख संतति मिलती उसको नाना फल भी पावे ।
री मैया जो जो तेरी सेवा करता लक्ष्मी से पूरा भरता ,
हम सब उतारे तेरी आरती ।।
समापन के रूप में, हम यह स्वीकार करते हैं कि शाकंभरी माता की आरती का पाठ हमें धार्मिक संवाद में ले जाता है और हमें माता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। शाकंभरी माता की आरती का पाठ करने से हमें अपने जीवन में संतुलन, शांति, और समृद्धि का अनुभव होता है और हमें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। यह हमें ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि धार्मिक अनुष्ठानों को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानकर हम अपने आसपास और अपने आत्मिक संवाद में एकत्रित हो सकते हैं।
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