माता रानी के भजन लिखित में – Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya Lyrics
सावन का महीना हिंदू धर्म में मान्यता के साथ आता है, जो भगवान शिव के आराधना और भक्ति का अवसर प्रदान करता है। “Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya Lyrics” एक प्रसिद्ध भजन है जो इस मौसम के महत्व को मनाता है। इस गाने में शिव भगवान की महिमा और महत्वपूर्णता को बयां किया गया है, जो भक्तों को आध्यात्मिक उत्साह देता है।
Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya Lyrics
सावन की बरसे बदरिया
सावन की बरसे बदरिया,
माँ की भीगी चुनरीया,
भीगी चुनरिया माँ की ॥
लाल चुनड माँ की चम चम चमकै,
माथे कि बिंदिया भी दम दम दमकै,
हाथो मे झलके कंगणिया,
माँ की भिगी चुनरिया ॥
॥ सावन की बरसे बदरिया…॥
छाई हरियाली, झूमे अम्बुआ की डाली,
होके मतवाली, कुके कोकलिया काली,
बादल मे कडके बिजुरिया,
माँ की भीगी चुनरिया ॥
॥ सावन की बरसे बदरिया…॥
ऊँचा भवन तेरा ऊँचा है डेरा,
कैसे चढूं, पाँव फ़िसले है मेरा,
तेढी मेढी है डगरिया,
माँ की भीगी चुनरिया ॥
॥ सावन की बरसे बदरिया…॥
काली घता पानी भर भर के लाई,
झूला झुले जगदम्बे भवानी,
हम सब पे माँ की नजरिया,
माँ की भीगी चुनरिया ॥
॥ सावन की बरसे बदरिया…॥
सावन की बरसे बदरिया
सावन की बरसे बदरिया,
माँ की भीगी चुनरीया,
भीगी चुनरिया माँ की॥
“सावन की बरसे बदरिया” न केवल एक गाना है, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो भक्तों को शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और आदर्शों को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। इस भजन के माध्यम से, हम शिव की महिमा और उनके असीम शक्ति का आभास करते हैं, जो हमें जीवन के हर कठिनाई को पार करने की शक्ति प्रदान करते हैं। इस पवित्र भजन के सुनने से हमारी आध्यात्मिक यात्रा को नई ऊँचाइयों और गहराईयों में ले जाता है।