Chandraghanta Mata Ki Aarti Lyrics (माता चंद्रघंटा आरती)
आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति के लिए आपके अंतिम गंतव्य, DurgaAarti.net में आपका स्वागत है। आज, हम माता चंद्रघंटा आरती के दिव्य दायरे में उतरते हैं, जो एक कालातीत आह्वान है जो देवी चंद्रघंटा की दिव्य आभा से गूंजता है। जैसे ही हम इस आरती (Chandraghanta Mata Ki Aarti Lyrics) के पवित्र छंदों में खुद को डुबोते हैं, हम शक्ति, अनुग्रह और शांति का प्रतीक उदार देवता से आशीर्वाद मांगते हुए श्रद्धा और पवित्रता की यात्रा पर निकलते हैं।
Chandraghanta Mata Ki Aarti Lyrics
जय चंद्रघंटा माता ।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।
नवरात्री के तीसरे दिन ,
चंद्रघंटा माँ का ध्यान ।
मस्तक पर है अर्ध चंद्र ,
मंद मंद मुस्कान ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अस्त्र शस्त्र है हाथो में ,
और खडग संग बाण ।
घंटे की शक्ति से ,
हरती दुष्टो के प्राण।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
सिंह वाहिनी दुर्गा ,
चमके स्वर्ण शरीर ।
करती विपदा शांति ,
हरे भक्त की पीर ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
मधुर वाणी को बोलकर ,
सबको देती ज्ञान ।
जितने देवी देवता ,
सभी करे सम्मान ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने शांत स्वभाव से ,
सबका रखती ध्यान।
भव सागर में फसा हूँ ,
करो माता कल्याण ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
निष्कर्ष
जैसे ही हम माता चंद्रघंटा आरती की अपनी खोज समाप्त करते हैं, आइए हम इस पवित्र भजन के दिव्य स्पंदनों को अपने दिलों में ले जाएं। देवी चंद्रघंटा की उज्ज्वल उपस्थिति हमारे मार्ग को रोशन करे, अंधकार को दूर करे और हमें अपना असीम प्यार और सुरक्षा प्रदान करे। आइए हम अत्यंत भक्ति के साथ उनकी आरती का जाप करना जारी रखें, परमात्मा के साथ गहरा संबंध बनाएं और अपने जीवन में माता चंद्रघंटा की आनंदमय उपस्थिति का अनुभव करें।
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