
माँ दुर्गा 108 नाम – संस्कृत, हिंदी अर्थ और स्तोत्र संग्रह – नवरात्रि 2025 स्पेशल
हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति स्वरूपा माना गया है। उन्हें जगत जननी और सभी देवताओं की ऊर्जा का स्रोत कहा गया है। पुराणों में वर्णित है कि मां दुर्गा के 108 पवित्र नाम हैं जिन्हें अष्टोत्तर शतनामावली कहा जाता है।
इन नामों का जाप करने से भक्तों को साहस, शक्ति, धन, संतति, विजय और शांति प्राप्त होती है।
यह लेख विशेष रूप से आने वाले नवरात्रि पर्व के लिए तैयार किया गया है ताकि भक्तजन पूरे विधि-विधान से मां के 108 नामों का स्मरण कर सकें।
108 नामों का महत्व
- मार्कण्डेय पुराण (देवी महात्म्य) – इसमें कहा गया है कि “जो साधक देवी के नामों का जप करता है, उसके जीवन से भय और रोग समाप्त होते हैं।”
- देवी भागवत पुराण – इसमें 108 नामों को देवी की अर्चना का सर्वोत्तम माध्यम बताया गया है।
- स्कन्द पुराण – यहाँ उल्लेख है कि “मां दुर्गा का नाम जप कर लेने से भी पाप नष्ट होते हैं, जैसे सूर्य की किरणें अंधकार को मिटा देती हैं।”
मां दुर्गा के 108 नाम (संस्कृत + हिंदी अर्थ + प्रतीकात्मक व्याख्या)
दुर्गा (Durga) – सब कष्टों को दूर करने वाली।
कात्यायनी (Katyayani) – ऋषि कात्यायन की पुत्री।
काली (Kali) – अज्ञान और अहंकार का नाश करने वाली।
चामुंडा (Chamunda) – चंड और मुंड का वध करने वाली।
महिषासुरमर्दिनी (Mahishasuramardini) – महिषासुर का वध करने वाली।
भवानी (Bhavani) – जीवन की जननी।
जगदम्बा (Jagadamba) – जगत की माता।
अम्बिका (Ambika) – ममता और स्नेह से भरी।
शैलपुत्री (Shailaputri) – पर्वतराज हिमालय की पुत्री।
भ्रमरी (Bhramari) – भौंरे के स्वरूप से राक्षसों का नाश करने वाली।
त्रिनेत्री (Trinetri) – तीन नेत्रों वाली।
कालरात्रि (Kaalratri) – अंधकार का नाश करने वाली।
शुभंकरि (Shubhankari) – शुभ देने वाली।
कुशमाण्डा (Kushmanda) – ब्रह्माण्ड की सृष्टिकर्त्री।
स्कन्दमाता (Skandamata) – कार्तिकेय की माता।
महागौरी (Mahagauri) – श्वेतवर्ण वाली।
सिद्धिदात्री (Siddhidatri) – सिद्धियाँ प्रदान करने वाली।
चन्द्रघंटा (Chandraghanta) – मस्तक पर चंद्र के साथ।
ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) – तपस्या की देवी।
कालिका (Kalika) – समय की स्वामिनी।
तारिणी (Tarini) – तारने वाली।
भीमादेवी (Bhimadevi) – बलशाली स्वरूप।
भद्रकाली (Bhadrakali) – शुभ स्वरूप वाली काली।
अपराजिता (Aparajita) – जिसे कोई जीत न सके।
जयदुर्गा (Jayadurga) – विजय प्रदान करने वाली।
विश्वेश्वरी (Vishweshwari) – समस्त जगत की अधीश्वरी।
नारायणी (Narayani) – भगवान विष्णु की शक्ति।
सत्यवती (Satyavati) – सत्य का स्वरूप।
भीषणेश्वरी (Bhishaneshwari) – रौद्र स्वरूप वाली।
कर्पूरगा (Karpurga) – श्वेत कमल पर विराजमान।
शान्तिदायिनी (Shantidayini) – शांति प्रदान करने वाली।
ललिता (Lalita) – कोमल और सुंदर।
कामाक्षी (Kamakshi) – कामना पूर्ण करने वाली।
भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari) – तीनों लोकों की अधिष्ठात्री।
जगद्वन्द्या (Jagadvandya) – जिसे जगत पूजे।
भव्येश्वरी (Bhavyeshwari) – मंगलकारी देवी।
अन्नपूर्णा (Annapurna) – अन्न प्रदान करने वाली।
हरसिद्धि (Harsiddhi) – सभी सिद्धियाँ देने वाली।
त्रिपुरा सुंदरी (Tripura Sundari) – तीनों लोकों की सुंदरता।
मुक्तेश्वरी (Mukteshwari) – मोक्ष देने वाली।
भद्रेश्वरी (Bhadreshwari) – कल्याण की देवी।
नित्या (Nitya) – सदा रहने वाली।
अचला (Achala) – अचल, अडिग।
आर्या (Arya) – श्रेष्ठ, पूज्य।
भवप्रिया (Bhavapriya) – भगवान शंकर की प्रिया।
सर्वज्ञा (Sarvagya) – सब जानने वाली।
विश्वमाता (Vishwamata) – जगत की जननी।
त्रैलोक्यजननी (Trailokyajanani) – तीनों लोकों की माता।
मंगला (Mangala) – शुभ देने वाली।
शारदा (Sharada) – विद्या की देवी।
भैरवी (Bhairavi) – रौद्र स्वरूप वाली।
गायत्री (Gayatri) – वेदों की स्वरूपिणी।
सावित्री (Savitri) – प्रकाश की देवी।
देवेश्वरी (Deveshwari) – देवताओं की अधिष्ठात्री।
आद्या (Adya) – आदि शक्ति।
अम्बालिका (Ambalika) – छोटी माता स्वरूप।
भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari) – ब्रह्माण्ड की रानी।
तारा (Tara) – तारने वाली।
अन्नपूर्णेश्वरी (Annapurneshwari) – अन्न की अधीश्वरी।
कैलासवासीनी (Kailasavasini) – कैलाश पर्वत पर रहने वाली।
महामाया (Mahamaya) – समस्त जगत को मोहित करने वाली।
योगमाया (Yogamaya) – योग शक्ति।
सिंहवाहिनी (Simhavahini) – सिंह पर सवारी करने वाली।
सप्तशतीस्वरूपिणी (Saptashatiswarupini) – देवी महात्म्य की अधिष्ठात्री।
महालक्ष्मी (Mahalakshmi) – ऐश्वर्य की देवी।
महासरस्वती (Mahasaraswati) – विद्या और ज्ञान की देवी।
महाकाली (Mahakali) – काल की अधिष्ठात्री।
अष्टभुजा (Ashtabhuja) – आठ भुजाओं वाली।
दशभुजा (Dashabhuja) – दस भुजाओं वाली।
षोडशी (Shodashi) – सोलह कलाओं से युक्त।
भैरवप्रिया (Bhairavapriya) – भैरव की प्रिय।
भक्तवत्सला (Bhaktavatsala) – भक्तों को प्रेम देने वाली।
जगद्धात्री (Jagaddhatri) – जगत की धात्री।
महाभद्रा (Mahabhadra) – अत्यंत शुभ।
महामेधा (Mahamedha) – बुद्धि प्रदान करने वाली।
सर्वेश्वरी (Sarveshwari) – सबकी अधिष्ठात्री।
त्रैलोक्यपालिनी (Trailokyapalini) – तीनों लोकों की रक्षक।
महाशक्ति (Mahashakti) – सर्वोच्च शक्ति।
पराशक्ति (Parashakti) – परा स्वरूप।
चंडी (Chandi) – अत्यंत प्रचंड।
जगदाधारिणी (Jagadadharini) – जगत को धारण करने वाली।
विश्वशक्ति (Vishwashakti) – समस्त शक्ति।
सर्वरूपिणी (Sarvarupini) – सब रूपों वाली।
सर्वमंगला (Sarvamangala) – सबके लिए मंगल।
जयमाला (Jayamala) – विजय का हार।
नित्यानंदा (Nityananda) – शाश्वत आनंद देने वाली।
निर्मला (Nirmala) – निर्मल स्वरूप।
निर्मोहा (Nirmoha) – मोह से रहित।
निशुम्भशुम्भविनाशिनी (Nishumbh-Shumbhvinashini) – असुर शुम्भ-निशुम्भ का नाश करने वाली।
मायेश्वरी (Mayeshwari) – माया की स्वामिनी।
विश्वेश्वरी (Vishweshwari) – जगत की अधीश्वरी।
विधात्री (Vidhatri) – सृजन करने वाली।
रक्षिणी (Rakshini) – रक्षण करने वाली।
भक्तपालिनी (Bhaktapalini) – भक्तों की रक्षा करने वाली।
शरणागतवत्सला (Sharanagatavatsala) – शरणागतों को अपनाने वाली।
भवमुक्तिदायिनी (Bhavamuktidayini) – मोक्ष देने वाली।
त्रैलोक्यसुन्दरी (Trailokyasundari) – तीनों लोकों की सुंदरी।
अत्यन्तमंगलमयी (Atyantamangalamayi) – परम मंगल स्वरूप।
सर्वकामप्रदायिनी (Sarvakamapradayini) – सब कामनाएँ पूर्ण करने वाली।
सत्यरूपा (Satyarupa) – सत्य का स्वरूप।
आद्यशक्ति (Adyashakti) – आदि शक्ति।
जगज्जननी (Jagatjanani) – संसार की माता।
मुक्तिदात्री (Muktidatri) – मुक्ति प्रदान करने वाली।
अनंतशक्ति (Anantashakti) – असीम शक्ति।
योगेश्वरी (Yogeshwari) – योग की अधिष्ठात्री।
भक्तिस्वरूपा (Bhaktiswarupa) – भक्ति का स्वरूप।
शरण्ये (Sharanye) – शरण देने वाली।
विश्वेश्वरी (Vishweshwari) – विश्व की अधीश्वरी।
जाप विधि
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- 108 नामों का पाठ या जप करें (108 बार या कम से कम 11 बार)।
- यदि माला का प्रयोग करें तो रुद्राक्ष या चंद्रमणी माला उत्तम मानी जाती है।
- पाठ के बाद प्रसाद चढ़ाएँ और परिवार में बाँटें।
जाप करने के लाभ (FAQ)
माँ दुर्गा के 108 नामों का महत्व क्या है?
दुर्गा के 108 नाम अलग-अलग रूपों, शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह नाम केवल पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को दूर करने का प्रतीक भी हैं।
क्या माँ दुर्गा के 108 नामों का जप रोज़ किया जा सकता है?
हाँ, रोज़ या विशेष अवसर (जैसे नवरात्रि, अष्टमी, नवमी) पर इन नामों का जप करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
दुर्गा के 108 नाम किस शास्त्र में मिलते हैं?
मुख्य रूप से मार्कण्डेय पुराण (देवी माहात्म्य/दुर्गा सप्तशती), देवी भागवत पुराण, और विभिन्न तांत्रिक ग्रंथों में दुर्गा के नामों का उल्लेख मिलता है।
क्या 108 नामों का जप करने का कोई विशेष नियम है?
सामान्य नियम यह है:
- जप करते समय शुद्ध स्थान और मन होना चाहिए।
- लाल या पीले आसन पर बैठकर जप करना शुभ माना जाता है।
- रुद्राक्ष या चंदन की माला से गिनती रखी जाती है।
- सुबह सूर्योदय या संध्या समय सबसे उपयुक्त है।
क्या 108 नामों को अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए प्रयोग किया जा सकता है?
हाँ। उदाहरण के लिए:
- महिषासुरमर्दिनी नाम कठिनाइयों और शत्रु बाधाओं से रक्षा करता है।
- भवानी नाम परिवारिक सुख-शांति बढ़ाता है।
- शैलपुत्री नाम स्थिरता और दृढ़ता प्रदान करता है।
क्या नवरात्रि में 108 नामों का पाठ विशेष फल देता है?
हाँ, नवरात्रि में माँ दुर्गा के 108 नामों का जप करने से सौभाग्य, शक्ति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष आशीर्वाद मिलता है।
क्या बच्चे और युवा भी 108 नामों का जप कर सकते हैं?
बिल्कुल, यह केवल साधु-संतों के लिए नहीं है। कोई भी व्यक्ति, चाहे बच्चा हो या युवा, श्रद्धा और शुद्ध भाव से इनका जप कर सकता है।
भक्तों के अनुभव
- कई भक्त बताते हैं कि नवरात्रि में 108 नामों का जप करने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं।
- एक गृहिणी ने साझा किया कि उन्होंने रोज़ जप करने से अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य में सुधार देखा।
- युवाओं का अनुभव है कि इस जाप से concentration और मानसिक शांति मिलती है।
आधुनिक समय में महत्व
आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में 108 नामों का जप mindfulness practice की तरह भी काम करता है।
- यह focus बढ़ाता है।
- mental health को support करता है।
- positive vibrations create करता है, जिसे psychology में “affirmation effect” कहा जाता है।
निष्कर्ष
मां दुर्गा के 108 नाम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में भी गहरा प्रभाव डालते हैं।
Navratri और अन्य अवसरों पर इनका जाप करना साधक के जीवन को शक्ति, समृद्धि और शांति से भर देता है।